पुरे विश्व की माताओं को " मदर्स डे" की हार्दिक बधाइयाँ, मैंने किसी भी भगवन को नहीं देखा और नाही मेरा भगवन को दिखने की कोई हार्दिक इच्छा ही है, वो मेरी माँ ही है जिन्होंने बताया की इस मूर्ति को भगवन कहते है और इनकी पूजा करनी है, उससे पहले तो जनता ही नहीं था की भगवन भी कोई होता है और मेरे लिए आज भी वो भगवन इसलिए है क्यूंकि मेरी माँ ने कहा है
आज, इतने उतर चदाव, दुसरो या अपने ने दर्द के बाद और इतनी शाजिशो और बाद कुछ भी आज ये कृष्ण कुमार शर्मा "मुन्ना" जो कुछ भी है तो माँ सिर्फ और सिर्फ आपकी वजह से ही हूँ, मेरी हर सुबह आपसे ही सुबह होती है और रात भी आपसे, में अगर 100 जनम भी ले लूँ तब भी आपका क़र्ज़ नहीं उतार पाउँगा.
दुनिया में हर रिश्ते दुबारा मिल सकता है और हर चीज़ खरीदी सकती है बस एक माँ और उसका प्यार जो कही नहीं बिकता.
दुनिया में हर रिश्ते दुबारा मिल सकता है और हर चीज़ खरीदी सकती है बस एक माँ और उसका प्यार जो कही नहीं बिकता.