Wednesday, April 11, 2012

तुझे सोचता हूँ

तुझे सोचता हूँ मैं शाम-ओ-सुबह, इससे ज्यादा तुझे और चाहूं तो क्या,
तेरे ही ख्यालों में डूबा रहा, इससे ज्यादा तुझे और चाहूं तो क्या,
बस सारे गम में जाना संग हूँ तेरा, हर इक मौसम में जान,
संग हूँ तेरे अब इतने इन्तिहाँ भी, न ले मेरे 
मेरी धडकनों में है तेरी सदा, इस कदर तू मेरी, 
रूह में बस गया तेरी यादों से , कब रहा में जुदा,
वक़्त से पूछ ले, वक़्त मेरा गवाह,
बस सारे गम में जाना , संग हूँ तेरा,
हर इक मौसम में जाना, संग हूँ तेरे,
अब इतने इन्तिहाँ भी,न ले मेरे
तू मेरा ठिकाना,मेरा आशियाना 
ढले शाम जब भी,मेरे पास आना,
है बाहों में रहना,कहीं अब न जाना,
हूँ mehfoos इनमे, बुरा है ज़माना,
बस सारे गम में जाना, संग हूँ तेरे ,
हर इक मौसम में जाना,संग हूँ तेरे,
Ab itne intihaan bhi
Na le mere

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