किताबो के पन्ने पलट के सोचते है
यूँ पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है,
तमन्ना जो सजी हो ख्वाबो में
हकीकत बन जाए तो क्या बात है,
कुछ लोग मतलब के लिए धुन्द्ते है हमे
बिन मतलब कोई आए तो क्या बात है,
कतल करके तो सब ले जायेंगे दिल मेरा
कोई बातो से ले जाए तो क्या बात है,
जो शरीफों की शराफत में बात न हो
एक शराबी कह जाए तो क्या बात है,
जिंदा रहने तक तो ख़ुशी देंगे सबको
किसीको हमारी मौत पे ख़ुशी मिल जाए तो क्या बात है...
यूँ पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है,
तमन्ना जो सजी हो ख्वाबो में
हकीकत बन जाए तो क्या बात है,
कुछ लोग मतलब के लिए धुन्द्ते है हमे
बिन मतलब कोई आए तो क्या बात है,
कतल करके तो सब ले जायेंगे दिल मेरा
कोई बातो से ले जाए तो क्या बात है,
जो शरीफों की शराफत में बात न हो
एक शराबी कह जाए तो क्या बात है,
जिंदा रहने तक तो ख़ुशी देंगे सबको
किसीको हमारी मौत पे ख़ुशी मिल जाए तो क्या बात है...
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