Saturday, July 3, 2010

मथुरा में कांग्रेस लोकसभा चुनाव क्‍यों हारी

कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी इन दिनों उत्‍तर प्रदेश में पार्टी को न केवल पुनर्जीवित करने की कोशिश में हैं बल्‍िक चाहते हैं कि आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान उनके प्रत्‍याशियों का प्रदर्शन सारी राजनीतिक गणित को पलटते हुए सबको चौंका दे और कांग्रेस अपनी पुरानी गरिमा हासिल करे। इसके लिए उन्‍होंने बाकायदा प्‍लानिंग की है और इस प्‍लानिंग को मिशन 2012 नाम दिया है। मण्‍डल वाइज वह अपने निजी गुप्‍तचरों से सर्वे करा रहे हैं। आगरा मण्‍डल पर उनकी विशेष नजर है क्‍यों कि राजनीति के क्षेत्र में यहां से मिली जीत या हार का एक अलग महत्‍व होता है। यह महत्‍व तब और बढ़ जाता है जब बसपा सुप्रीमो व प्रदेश की मुख्‍यमंत्री मायावती ने काफी पहले से यहां अपना ध्‍यान केन्‍द्रित कर रखा हो। यहां के विकास में वह विशेष रूचि ले रही हों।
कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी ने इस महत्‍व को समझते हुए हाल ही में आगरा मण्‍डल का सर्वे अपने गुप्‍तचरों से कराया है।
यूं तो इस सर्वे का मकसद ही जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को तरजीह देना, निष्‍क्रिय कार्यकर्ताओं की पहचान करना, अब तक मलाई मारते आ रहे घाघ नेताओं की कारगुजारियों व जनता में उनकी वर्तमान छवि का पता लगाना तथा पार्टी के लिए समर्पित लेकिन घाघ कांग्रेसियों की राजनीति के शिकार युवा नेताओं को आगे लाना है लेकिन इसका एक और मकसद भी है और वह मकसद है उन कारणों एवं उन लोगों को जानना जिनके कारण कांग्रेस का अंदरूनी कलह दिन-प्रतिदिन बढ़ता गया। राहुल गांधी इस सर्वे के माध्‍यम से यह पता करना चाहते हैं कि गत लोकसभा चुनावों में पार्टी को अपनी वो सीटें क्‍यों गंवानी पड़ी जिन पर कांग्रेस काबिज थी। ऐसी सीटों में से एक सीट इस विश्‍व प्रसिद्ध धार्मिक जनपद मथुरा की भी थी और यहां से सांसद थे कुंवर मानवेन्‍द्र सिंह।
कुंवर मानवेन्‍द्र सिंह एक स्‍वच्‍छ छवि वाले सभ्‍य कांग्रेसी नेता हैं और इससे पहले लोकसभा में मथुरा का तीन बार प्रतिनिधित्‍व कर चुके थे। मथुरा में कांग्रेस का परचम उन्‍होंने तब लहराया जब यूपी के अंदर कांग्रेस मृत प्राय: पड़ी थी। उत्‍तर प्रदेश में मथुरा वो जिला था जहां लोकसभा, मथुरा-वृंदावन विधानसभा तथा नगर पालिका पर एक साथ कांग्रेस काबिज थी लेकिन अचानक सारा खेल तब बिगड़ता दिखाई दिया जब लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को अपनी सीट गंवानी पड़ी और कुंवर मानवेन्‍द्र सिंह भारी मतों से पराजित हुए।
कांग्रेस को मिली इस शिकस्‍त के पीछे कौन-कौन से महत्‍वपूर्ण कारण रहे और उनका पता कांग्रेस ने अपने स्‍तर से लगाया या नहीं, यह तो वही जाने अलबत्‍ता 'लीजेण्‍ड न्‍यूज' ने इस बावत कुंवर मानवेन्‍द्र सिंह से बात की। कुंवर मानवेन्‍द्र सिंह ने अपनी और कांग्रेस की हार के कारणों पर खुलकर टिप्‍पणी तो की ही, साथ ही इस बात के भी संकेत दिये कि विधानसभा चुनावों में पार्टी किस तरह यहां अपना वर्चस्‍व स्‍थापित कर सकती है।
कुंवर मानवेन्‍द्र सिंह ने बतौर कांग्रेस प्रत्‍याशी अपनी हार के पीछे चार प्रमुख कारण बताए। इनमें सबसे पहले और अहम् कारण का खुलासा करते हुए उन्‍होंने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन ये कहा कि पार्टी में ऊपर से नीचे तक सब जानते हैं कि मुझे हराने में किस-किस की भूमिका थी।
कुंवर साहब ने खुलासा किया कि पार्टी के भितरघातियों ने उन्‍हें हराने के लिए इतना पैसा खर्च किया जितने पैसे में लोकसभा के चार प्रत्‍याशी शान के साथ चुनाव लड़ सकते थे। उन्‍होंने बताया कि पार्टी के जिन लोगों पर मुझे चुनाव जितवाने की जिम्‍मेदारी थी, उन्‍होंने मुझे हराने के लिए 50-50 लाख रूपये तक खाये और रालोद प्रत्‍याशी के पक्ष में खुलकर काम किया। खुद को सोनिया जी व राहुल गांधी का निकटस्‍थ बताने वाले एक शख्‍स ने तो मुझे हराने के लिए अपनी सारी ताकत झोंक दी। इस व्‍यक्‍ित ने मेरी आड़ में कांग्रेस से दुश्‍मनी साधी जबकि कांग्रेस ने उसे इतना दिया जिसकी कल्‍पना तक उसने नहीं की होगी।
कुंवर मानवेन्‍द्र सिंह ने कहा कि बात चाहे आज नर्म के तहत मथुरा के विकास हेतु आ रहे पैसे तथा उसे लेकर लग रहे दुरूपयोग के आरोप की हो या कमीशनखोरी की, उसमें अगर किसी कांग्रेसी का नाम आ रहा है तो उसकी जांच होनी चाहिए क्‍योंकि 'नर्म' केन्‍द्र सरकार की योजना है और केन्‍द्र की सत्‍ता पर कांग्रेस काबिज है।
ऐसे में यदि किसी कांग्रेसी पर नर्म को लेकर भ्रष्‍टाचार के आरोप लग रहे हैं तो यह गंभीर मामला है। कांग्रेस को इसकी जांच कराकर दोषी व्‍यक्‍ित के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए तथा नर्म के पैसे का सदुपयोग हो, इसका ठोस इंतजाम करना चाहिए।
उन्‍होंने बताया कि नर्म के पैसों का बंदरबांट करने के लिए उन लोगों के मिल जाने की खबर मुझे भी लगी है जो कांग्रेसी होते हुए एक ओर जहां धुर विरोधी थे वहीं दूसरी ओर अब तक गुटबाजी के सूत्रधार रहे तथा जिन्‍होंने मुझे मोहरा बनाकर पार्टी का अहित किया।
कुंवर साहब ने कहा कि आज अगर जनता इनकी सम्‍पत्‍ति का ब्‍यौरा मांगने तथा ये पता करने की मांग कर रही है कि आखिर इनके पास इतनी सम्‍पत्‍ति आई कहां से तो क्‍या गलत कर रही है।
उन्‍होंने कहा कि जिनका राजनीति के अतिरिक्‍त कोई पेशा नहीं है, उनकी सम्‍पत्‍ति अगर अप्रत्‍याशित बढ़ रही है तो संदेह होना स्‍वाभाविक है।
कुंवर मानवेन्‍द्र सिंह का कहना था कि ये बातें आगामी विधानसभा चुनावों में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभायेंगी।
उन्‍होंने कहा कि मेरी हार का दूसरा कारण भाजपा तथा रालोद के बीच हुआ चुनावी पैक्‍ट रहा। रालोद प्रत्‍याशी जयंत चौधरी ने इसका पूरा लाभ उठाया। तीसरा कारण उनका युवा होना था और चौथा कारण बसपा प्रत्‍याशी श्‍यामसुंदर श्‍ार्मा के प्रति लोगों की स्‍वाभाविक नाराजगी रहा।
कुंवर मानवेन्‍द्र सिंह ने कहा कि कुछ लोग निजी लाभ के लिए मथुरा में कांग्रेस को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं और यही कारण है कि ऐसे लोगों पर कमीशनखोरी, भ्रष्‍टाचार तथा विकास कार्यों में अनावश्‍यक हस्‍तक्षेप के आरोप लग रहे हैं।
आगामी विधानसभा चुनाव चूंकि नये परिसीमन के तहत लड़ा जायेगा इसलिए कांग्रेस को आम जनता के साथ-साथ पार्टी के निष्‍ठावान लोगों की भावनाओं पर भी ध्‍यान केन्‍द्रित करना होगा चाहे इसके लिए कुछ कठोर निर्णय क्‍यों न लेने पड़ें वरना अगले विधानसभा चुनाव रही-सही एकमात्र सीट भी हाथ से निकलवा सकते हैं।

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